आर्टिस्ट कार्ड चाहिए?... ... कोई मुर्ग़ा न बना जाए

आर्टिस्ट कार्ड चाहिए?... कोई मुर्ग़ा न बना जाए!

मुम्बई में एक्टर बनने आने वाले युवाओं (youth) को
एक्टर के बजाय मुर्ग़ा भी समझा जाता है। 
ऐसे कई झाँसेबाज़ और बहेलिए यहाँ हैं 
जो अपना जाल बिछाए बैठे रहते हैं। 

और जैसे ही कोई नया-नवेला एक्टर दिखाई पड़ता है, लपक लेते हैं।
ये झाँसेबाज़ आपको फ़िल्म इंडस्ट्री की कई कथित अत्यन्त ज़रूरी चीज़ों का हवाला देकर आपको उलझाएंगे और फिर
आपकी जेब ख़ाली कराकर उड़न-छू हो जाएंगे। 

 
इनकी झाँसेबाज़ी की कई तिकड़में हैं, जिनकी जानकारी मैं आपको दूंगा। 
लेकिन आज बात सिर्फ़ आर्टिस्ट कार्ड (Artiste Card) की। Online पैसे कैसे कमाए
झाँसेबाज़ आपसे कहेंगे कि इसके बिना तो आपको कोई भी काम नहीं देगा। 
वे कहेंगे- कार्ड बनाना ज़रूरी है। वे आपको अपनी कथित ऊँची-पहुँच का हवाला देकर आसानी कार्ड बनाकर देने की बात कहेंगे।

“अंधा क्या चाहे, दो आँख” टाइप मामला हो जाता है और 
नवागंतुक एक्टर को लगता है कि उसकी तो सारी चिंता ही दूर हो गई। 
अपने कुछ दो-चार पुण्य याद करते हुए उसे ये झाँसेबाज़, भगवान का भेजा देवदूत सा लगता है
और वो नतमस्तक होकर उसे ही अपना गॉड फ़ादर मान बैठता है। 
ऐसे कई धोख़ेबाज़ अपनी दुकानें भी जमाकर बैठे हैं। 
वे बाक़ायदा आपको मैसेज या फ़ोन करके 
फ़िल्म या सीरियल के ऑडिशन का हवाला देकर ऑफ़िस बुलाएंगे। 
फिर झूट-मूट का ऑडिशन आपको उसमें पास भी कर देंगे। आपको बधाई देंगे। 
फिर आपका आर्टिस्ट कार्ड मांगेंगे। फिर जैसे ही आप कार्ड नहीं होने का रोना रोएंगे, 
उनकी बन आएगी। फिर आप जो भी बोलेंगे 
उनको सिर्फ़ कुकड़ू कूँ ही सुनाई देगा और कुछ ही देर में आप हलाल। 

ऐसे लोग सिंटा (CINTAA- CINE & TV ARTISTES ASSOCIATION ),
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) या 
शिव सेना चित्रपट शाखा कार्ड (Film Crafts Federation) के नाम का कार्ड बनाने के नाम पर 
कई गुना मोटी रकम ले लेते हैं। कार्ड नहीं बनता। 
फिर टालमटोल में दो चार महीने भी निकल सकते हैं। 
तब तक शायद ही वो एक्टर मुम्बई में टिक पाए। 
इक्का-दुक्का अगर कोई टिक जाए और कार्ड लेने पर अड़ ही जाएं, तो ये बनाकर दे देते हैं, 

जिसकी लागत मामूली होती है। तब भी इनको मुनाफ़ा है। 
आर्टिस्ट इसी भ्रम में रहता है कि कार्ड उतने का ही बना है, 
जितने पैसे दिए हैं। 

अब मैं आपको बताता हूँ कि आर्टिस्ट कार्ड बनाना बहुत आसान कैसे है, 
बशर्ते अगर आप ख़ुद सम्बंधित ऑफ़िस जाकर बनवाने की ज़हमत उठाएं। 
आपका एक रुपया भी ज़्यादा या किसी को कमीशन देने पर ख़र्च नहीं करना होगा। कुछ बातें ध्यान रखिए। 

सबसे पहले बात सिंटा CINTAA की। 
ये एक्टर्स की सबसे बड़ी और प्रतिष्ठित संस्था है। गैर-राजनीतिक है। 
ओम पुरी जी इसके अध्यक्ष हैं।

इसका कार्ड बनाने के लिए 10 हज़ार रुपए चाहिए। 
ये कार्ड वर्क-परमिट (WORK PERMIT) के रूप में एक साल के लिए मिलेगा। 
एक साल बाद फिर 10 हज़ार रुपए देकर आपको नवीनीकरण (Renewal) कराना होगा। 
फिर तीसरे साल आपका स्थाई कार्ड (Permanent Card) बनेगा। 
इसके लिए 15 हज़ार रुपए फ़ीस है। 
ध्यान रखिए, सिंटा का वर्क परमिट कार्ड भी तभी बनेगा,
 जब आपने कम से कम एक फ़िल्म (किसी भी भाषा की) में या फिर 6 टीवी एपिसोड में काम कर लिया हो। 
सिंटा द्वारा आपको इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा, 
जिनमें इन एपिसोड का डीवीडी DVD आपको वहाँ देना है। 

अगर आपने कहीं काम नहीं किया तो भी कोई बात नहीं। 
जो भी प्रोडक्शन हाउस आपको काम दे रहा है, 
उससे एक लेटरहेड पर लिखवा कर लाइए कि 
आपको उन्होंने उनकी फ़िल्म या सीरियल के लिए चुना है। 
इस आधार पर भी आपको वर्क परमिट कार्ड मिल जाएगा। 
NSD, FTII और किसी भी सरकारी मान्यता प्राप्त संस्थान से 
एक्टिंग सीखने वालों को सीधे मेम्बरशिप मिल सकती है। 
उन्हें वर्क परमिट कार्ड बनाने की ज़रूरत नहीं है। 
CINTAA OFFICE का पता है-

 221, Kartik Complex, 2nd Floor. Opp. Laxmi Industrial Estate, New Link Road, Andheri West, Mumbai-53. 

बाक़ी दो यूनियन के कार्ड बनाने की जानकारी अगली पोस्ट में। मेरा प्रयास है, कोई मुर्ग़ा न बनें। उसे सही रास्ता मिले। 
आपके उज्ज्वल भविष्य के लिए मेरी शुभकामनाएँ। 


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