लता मंगेश्कर को अंतिम श्रद्धांजलि देने पहुंचे शाहरुख खान ने दुआं के बाद फूंक मारी तो उसे लेकर कुछ लोगों में कन्फ्यूजन पैदा हो गई। सोशल मीडिया पर इसकी काफी चर्चा हो रही है. आपको बताते हैं कि इस्लाम में दुआ मांगने के बाद फूंक मारने का क्या महत्व है। 1 कुरान से आयत पढ़कर दम की जाती है फूंक 2 मुसलमान ही नहीं हर धर्म के लोग फूंक पर रखते हैं अकीदा 3 क्या पार्थिव शरीर पर भी फूंक मारी जाती है? हर मजहब में इबादत, दुआ और धार्मिक अनुष्ठान के अपने-अपने तरीके होते हैं, इसी तरह से इस्लाम में किसी भी नुकसान पहुंचाने वाली चीज से महफूज करने के लिए, मुसीबत से निजात दिलाने के लिए या बेहतर सेहत और भविष्य की दुआ के लिए दम करना या फूंक मारने का तरीका आम है । दरअसल, जब भी कोई मुसलमान श्रद्धा, अकीदत और मुहब्बत के साथ किसी का भला करना चाहता है तो उसे फूंक मारता है. फूंक मारना कोई मुंह से महज़ हवा मारना नहीं है, बल्कि मुसलमानों के लिए सबसे पवित्र किताब कुरान से पढ़ी जाने वाली आयतें होती हैं जिनकी शिफा पर लोगों को भरोसा होता है. जब भी कोई मुसलमान फूंक मारता है तो वो उससे पहले कुरआन की आयतें पढ़ता है जो हर